shayari
हुसन पाय है सनम तुमने
कि वोह आग जो पाणी से ना भुजे
अरे चैन खोया है हमने
बस दिदार का दिल करे और कूच ना सुझे
तुम्हारी येह अदा भी खूब है सनम
रखेंगे हम इसे अपनी सर आंखो पर
पर सिर्फ तुम्हारे मानने से क्या होगा जानंम
हमारी भी तो राय जरुरी है दिलबार
क्या शौक हसून आदये है
लगता है जैसे कोई हो तुम हूर
दिल मी लागी हो बसने
पर जानेमन हो तुम बोहोत दूर
बनाने वाले ने तुम्हे युन सोचके बनाया होगा
क्या किसीको इतना भी हसिन बनाया जा पायेगा
जैसे कोई बिमार भी खुद्द उठ खडा होगा
और हर बंदा तुम्हे देखणे पर कूच वैसेही खिल जायेगा
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